आज मैंने एक कहानी पढ़ीं जिसने हृदय को भावुक किया ।
मुझे हमारे संगठन के कार्य पर गर्व महसूस हुआ मैं अपनी सोच से बता रहा हूँ कि समाज में इससे अच्छा कार्य हो ही नहीं सकता टुटते हुए घर को बचाना मैं अपने संगठन के सभी भाईयों और बहनों को अभिनंदन करता हूँ आभार व्यक्त करता हूँ की आप सभी ऐसी महान सोच वाले हमारे मान्य राष्ट्रीय अध्यक्ष हरेन्द्र राणा जी के साथ खड़े हुए है।
ये कहानी आप के बीच में साझा कर रहा हूँ। अतः आप से हाथ जोड़कर विनम्र निवेदन है अपना बहुमुल्य समय निकाल कर इस कहानी को अवश्य पढ़े।
तलाक होने के बाद पति कोर्ट से निकल कर ऑटो मे बैठा तो तलाकसुदा पत्नी रौनक भी उसी ऑटो मे बैठ गई। उदास पति ने एक कातर दृष्टि से दस साल साथ रही पत्नी रौनक की तरफ देखा ” वह बुझी मुस्कान के साथ बोली ” बस अड्डे तक आखरी सफर आपके साथ करना चाहती हूँ।” पति बोला ” एलिमनी की रकम दो से तीन महीने मे दे दूंगा। घर बेच दूंगा। तेरे लिए बनाया था। तु ही जिंदगी मे नही रही तो घर का क्या करूँगा। “रौनक जल्दबाजी मे बोली ” घर मत बेचना। मुझे पैसे नही चाहिए। प्राइवेट जॉब करने लगी हूँ मेरा और मुन्ने का गुजारा हो जाता है। ” अचानक ऑटो वाले ने ब्रेक मारे तो पत्नी रौनक का मुँह सामने की रेलिंग से टकराने वाला था कि पति ने झटके से उसकी बांह पकड़ कर रोक लिया। वह पति की आँखों मे देखते हुए भरी आँखों से बोली ” अलग हो गए मगर परवाह करने की आदत नही गई आपकी। ” वह कुछ नही बोला। मगर वह रोने लगी। रोते रोते बोली ” एक बात पूछूँ? ” वह नजर उठा कर बोला “क्या? ” वह धीरे से बोली ” दो साल हो गए अलग रहते हुए ” मेरी याद आती थी क्या? ” वह बोला ” अब बताने से भी क्या फायदा? अब तो सब कुछ खत्म हो गया न? तलाक हो चुका है।” रौनक बोली ” दो सालों मुझे वो एक बार भी वो नींद नही आई जो आपके हाथ का तकिया बना कर सोने से आती थी। कह कर वह फफक पड़ी। बस अड्डा आ गया था। दोनों ऑटो से उतरे तो पति ने उसका हाथ पकड़ लिया। काफी दिनों बाद पति का स्पर्स कलाई पर महसूस हुआ तो वह भावुक हो गई। पति बोला ” चलो अपने घर चलते हैं। ” इतना सुनते ही रौनक बोली ” तलाक के कागजों का क्या होगा? ” पति बोला ” फाड़ देंगे। इतना सुनते ही वह दहाड़ मार कर पति के गले से चिपट गई। पीछे पीछे दूसरे ऑटो मे आ रहे पति पत्नी के रिश्तेदार उनको इस हालत मे देखकर चुपचाप बस मे बैठकर चले गए।💯😊🙏✍️
रिश्तों को रिश्तेदारो पर मत छोड़ो, खुद निर्णय लेओ, आपस मे बात करो, अपनी गलती हो तो स्वीकार करो।🙏
ये एक काल्पनिक स्टोरी है, इसका उद्देश्य सिर्फ जागरूक करना है, धन्यवाद 🙏🙏
बात अच्छी लगी हो तो एक कमेंट जरुर करना सा 🤗🙏