बरसात के बाद बीमारियों से बचाव पर एक संवाद

बरसात के बाद बीमारियों से बचाव पर एक संवाद

 

✍️ स्वतंत्र लेखक – साहिल सलाउद्दीन

 

बरसात का मौसम ख़त्म होते ही अक्सर लोग बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। इसी विषय पर मेरी मुलाक़ात अफ़ज़लगढ़ के मशहूर चिकित्सक डॉ. अब्दुल मलिक से हुई। वे डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड और प्लेटलेट्स संबंधी रोगों के विशेषज्ञ हैं। बातचीत के दौरान हमने जनता को जागरूक करने का प्रयास किया।

 

डॉ. अब्दुल मलिक बोले:

“साहिल भाई, बरसात के बाद का समय बहुत नाज़ुक होता है। इसी दौरान वायरल फीवर, डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड जैसी बीमारियाँ सबसे ज़्यादा फैलती हैं। खासकर डेंगू में प्लेटलेट्स की संख्या अचानक गिर जाती है, इसलिए लोगों को सतर्क रहना बहुत ज़रूरी है।”

 

मैंने कहा:

“डॉक्टर साहब, आप बिल्कुल सही कह रहे हैं। अफ़ज़लगढ़ की जनता को यह जानना चाहिए कि रोकथाम ही सबसे बड़ी दवा है। अगर लोग अपने घर और मोहल्ले में पानी जमा नहीं होने देंगे, तो मच्छरों से होने वाली बीमारियों को काफी हद तक रोका जा सकता है।”

 

डॉ. अब्दुल मलिक ने समझाया:

“जी हाँ, इसके साथ ही लोगों को यह भी ध्यान रखना होगा कि हमेशा साफ़ और उबला हुआ पानी ही पिएँ। अगर किसी को बुखार, शरीर में दर्द या अचानक कमजोरी महसूस हो तो लापरवाही न करें, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज मिलने से प्लेटलेट्स गिरने जैसी स्थिति से भी बचा जा सकता है।”

 

मैंने आगे कहा:

“बिलकुल सही। मैं अपने लेखन और संदेशों के माध्यम से अफ़ज़लगढ़ की जनता तक यह बात पहुँचाऊँगा। लोगों को समझना चाहिए कि छोटी सी सावधानी ही उनके परिवार और पूरे समाज को सुरक्षित रख सकती है।”

 

अंत में डॉ. अब्दुल मलिक ने कहा:

“हम सबकी ज़िम्मेदारी है कि मिलकर जागरूकता फैलाएँ। तभी हम बरसात के बाद की इन खतरनाक बीमारियों से बच पाएँगे।”

 

 

 

📞 इमरजेंसी में तुरंत संपर्क करें:

डॉ. अब्दुल मलिक – डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड और प्लेटलेट्स विशेषज्ञ

📱 +91 85320 51810

 

🌿 इस संवाद का संदेश साफ़ है—जागरूकता ही बचाव है।

क्रेडिट श्री साहिल सलाउद्दीन

स्वतंत्र लेखक

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