*द्वारिकेश शुगर मिल में प्रेम रावत फाउंडेशन द्वारा ‘शांति शिक्षा कार्यक्रम’ कार्यशाला का सफल आयोजन*
बिजनौर, द्वारिकेश पुरम – प्रेम रावत फाउंडेशन ने आज द्वारिकेश शुगर मिल लिमिटेड, अफजलगढ़ के क्लब हॉल में पाँच दिवसीय ‘शांति शिक्षा कार्यक्रम’ (पीईपी) कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया। कार्यशाला में फील्ड, मिल हाउस, उत्पादन, विद्युत, मुख्य महाप्रबंधक, प्रशासन और पर्सनल ई.डी.पी. विभागों सहित कंपनी के विभिन्न विभागों के कुल 54 अधिकारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को आंतरिक शांति और आत्म-संतुष्टि के महत्व से परिचित कराना था। कार्यशाला का मुख्य आकर्षण श्री प्रेम रावत का एक वीडियो संदेश था, जिन्हें तीन गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है।
कार्यशाला का विषय “शांति और कृतज्ञता” था। अपने संदेश में, श्री रावत ने इस बात पर ज़ोर दिया कि शांति कोई बाहरी वस्तु नहीं है, बल्कि एक ऐसी चीज़ है जो पहले से ही व्यक्ति के भीतर मौजूद है। उन्होंने कहा, “हम अक्सर बाहरी दुनिया में शांति की तलाश करते हैं, जबकि वह हमारे सबसे करीब होती है।” उन्होंने यह भी कहा कि शांति के मार्ग पर चलने वाले देश और भी मज़बूत होते हैं। श्री रावत ने शांति को व्यक्ति की सबसे बुनियादी ज़रूरत बताया और कहा कि जो व्यक्ति शांति का अभ्यास करता है, उसका जीवन आनंद से भर जाता है। उनके शांति संदेश की सभी प्रतिभागियों ने सराहना की।
इस अवसर पर, कंपनी के महाप्रबंधक, श्री उमेश सिंह बिसेन ने कहा, “आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में, कंपनी अधिकारियों के लिए इस तरह के विषय की बहुत ज़रूरत है।” उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए प्रेम रावत फ़ाउंडेशन टीम, सूत्रधार श्री विश्वामित्र पाठक और तकनीकी सहायक श्री सचिन कुमार का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के अंत में, कंपनी के प्रबंधक (मानव संसाधन), श्री अशोक सिंह ने कार्यशाला को सभी अधिकारियों के लिए अत्यंत उपयोगी बताया और इसके समापन की घोषणा की। यह कार्यशाला इस बात का प्रमाण है कि आंतरिक शांति और आत्म-संतुष्टि का अभ्यास करके, व्यक्ति अपने जीवन को अधिक सार्थक और आनंदमय बना सकता है, जिससे व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों स्तरों पर सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।
