डॉ. मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री के रूप में कभी मीडिया से दूरी नहीं बनाई। उन्होंने कई संवाददाता सम्मेलन किए, जिनमें उनकी आखिरी प्रेस कांफ्रेंस सबसे यादगार थी। जब उनसे पूछा गया कि वह प्रधानमंत्री के रूप में खुद को कैसे आंकते हैं, तो उन्होंने बिना हिचकिचाहट कहा, “इतिहास मेरा सही आकलन करेगा”। आज, जब मनमोहन सिंह हमारे बीच नहीं हैं, तो इतिहास को उनका आकलन करने का समय आ गया है।
इतिहास जब उन्हें आंकेगा, तो यह जरूर याद करेगा कि वित्त मंत्री के रूप में मनमोहन सिंह ने भारत की अर्थव्यवस्था को उस समय संकट से उबारा, जब उनकी पूर्ववर्ती सरकार देश का सोना तक विदेश में गिरवी रख चुकी थी। हालांकि आर्थिक सुधारों का श्रेय नरसिंह राव को दिया जाता है, लेकिन इन सुधारों के सूत्रधार और उन्हें लागू करने वाले तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ही थे।