कवि दुष्यंत कुमार की स्मृति पर विशेष 

हो गई है पीर पर्वत से पिघलनी चाहिए इस हिमालय से नई गंगा निकलनी चाहिए 

 

कवि दुष्यंत कुमार की स्मृति पर विशेष 

सूर्यांशु उपाध्याय – मंडावली क्षेत्र के राजपुर नवादा के गजल सम्राट कवि दुष्यंत कुमार का जन्म 1 सितंबर 1933 को हुआ था। उन्होंने अपनी ग़ज़लों, कविताओं के माध्यम से क्षेत्र को एक नई पहचान दिलाने का काम किया। सादा जीवन उच्च विचार उनकी दिनचर्या में शामिल रहा है। छोटा हो या बड़ा सभी से दोस्ती करना, उनसे बाते करना उनकी खासियत थी। उनकी कविताएं, गजल, उपन्यास आज भी लोग उन्हें गुनगुनाते है। उन्होंने जिंदगी के सामाजिक, प्रेम, राजनीति व अन्य कोई मुद्दों को अपनी कविताओं के माध्यम से उठाया और उनको लिखा, ऐसा लिखा जो आज भी हजारे लोगो की आवाज बनकर जिंदा है। ऐसा लगता है मानो वो आज भी हमारे बीच है।

 

 

उनके पैतृक गांव राजपुर नवादा में अपने मूर्त रूप को तरस रहा है दुष्यंत कुमार का म्यूजियम। सरकार द्वारा इस म्यूजियम के लिए लगभग 6 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई। दुष्यन्त कुमार के दोनों पुत्र आलोक त्यागी, अपूर्व त्यागी ने अपनी जमीन भी इस म्यूजियम के नाम कर दी, उसके बाद भी अव्यवस्था की भेंट चढ़ रहा है दुष्यंत कुमार की स्मृति में बनने वाला यह म्यूजियम।

 

पूर्व एमएलसी अश्वनी त्यागी के प्रयासों से सरकार ने इस म्यूजियम को बनाने का प्रयास किया है। जनपद बिजनौर के पूर्व डीएम उमेश मिश्रा और अंकित कुमार भी राजपुर नवादा गांव में आकर भूमि के रेखांकन से संबंधित अधिकारियों के साथ कई बार यहां पहुंचे और दुष्यंत कुमार का तत्कालीन पुस्तकालय जो खंडहर नुमा कमरा है और उनकी पैतृक जमीन सरकार के सुपुर्द कर दी गई है परंतु ना जाने कौन सी ऐसी परेशानी आ रही है की म्यूजियम अभी तक नहीं बन रहा है।

 

दुष्यन्त कुमार के बाल सखा सत्कुमार त्यागी और मनोज कुमार त्यागी भी इसी आस में की एक कार्य शुरू होगा अगस्त माह में दोनों स्वर्गवासी हो गए। उनके सामने सपना सपना ही बन कर रह गया।

राजपुर नवादा और आसपास के गांव के विवेक त्यागी,  अजीत त्यागी, अनुज त्यागी, ब्रजवीर सिंह, अतुल त्यागी, आलोक त्यागी, रोकी त्यागी, मुकुल त्यागी, राकेश त्यागी, बलराज त्यागी, अभयदेव त्यागी, निर्भय त्यागी, समित त्यागी, मोनू त्यागी, नितिन त्यागी, नीरज सिंह, कुलदीप त्यागी, सूर्यांश उपाध्याय, सुनील त्यागी, वीर सिंह, पंकज त्यागी, आदेश चौधरी, चरण सिंह त्यागी राजेंद्र उपाध्याय पवन उपाध्याय..अमरनाथ शर्मा आदि ग्रामीणों का यह सपना है की जल्द से जल्द इस अमर साहित्यकार की स्मृति में म्यूजियम संग्रहालय बनकर तैयार हो।

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